Magadh Darpan

मगध दर्पण

नमस्कार

बिहार दर्शन के तीन पथ दर्पण है जो कुछ इस प्रकार है

कीकट दर्पण, मगध दर्पण, बिहार दर्पण

तो आइए शुरू करत है और जाने बिहार को द्वितीय दर्पण से,

मगध दर्पण से

मगध प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। आधुनिक पटना तथा गया जिला इसमें शामिल थे। इसकी राजधानी "गिरिव्रज" (वर्तमान राजगीर) बाद में "पाटलिपुत्र" थी। मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्व वेद में मिलता है। अभियान चिन्तामणि के अनुसार मगध को कीकट कहा गया है। गौतम बुद्ध के पूर्व बृहद्रथ वंश के बृहद्रथ तथा जरासंध यहाँ के प्रतिष्ठित राजा थे। अभी मगध नाम से बिहार में एक प्रंमडल भी है - जिसे मगध प्रमंडल के नाम से जानते है।

मगध महाजनपद की सीमा उत्तर में गंगा से दक्षिण में विन्ध्य पर्वत तक, पूर्व में म्पा से पश्‍चिम में सोन नदी तक विस्तृत थीं। यह दक्षिणी बिहार में स्थित था जो कालान्तर में उत्तर भारत का सर्वाधिक शक्‍तिशाली महाजनपद बन गया।

मगध की प्राचीन राजधानी राजगृह थी। यह पाँच पहाड़ियों से घिरा नगर था। कालान्तर में मगध की राजधानी पाटलिपुत्र में स्थापित हुई। मगध राज्य में तत्कालीन शक्‍तिशाली राज्य कौशल, वत्स व अवन्ति को अपने साम्राज्य में मिला लिया। इस प्रकार मगध का विस्तार अखण्ड भारत के रूप में हो गया।

मगध प्राचीनकाल से ही राजनीतिक उत्थान, पतन एवं सामाजिक-धार्मिक जागृति का केन्द्र बिन्दु रहा है। मगध बुद्ध के समकालीन एक शक्‍तिकाली व संगठित 'राजतन्त्र' था। कालान्तर में मगध का उत्तरोत्तर विकास होता गया और मगध का इतिहास (भारतीय संस्कृति और सभ्यता के विकास के प्रमुख स्तम्भ के रूप में) सम्पूर्ण भारतवर्ष का इतिहास बन गया।