बिहार दर्शन
Bihar Darshan
Unveiling the truth and beauty of Bihar, from ancient history to modern times.
प्राचीन इतिहास से लेकर आधुनिक काल तक, बिहार की सच्चाई और सुंदरता का उजागरता एवं दर्पण
बिहार दर्शन के तीन पथ दर्पण है जो कुछ इस प्रकार है
कीकट दर्पण, मगध दर्पण, बिहार दर्पण
तो आइए शुरू करते है और जाने बिहार को हमारे दर्पण से
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चरणाद्रि (चुनार) से लेकर गुद्धकुट (गिद्धौर) तक कीकट देश है । मगध उसी के अंतर्गत है । मगध देश का प्राचीन वैदिक नाम कीकट है ।
जिस समय वैवश्वत मनु का अखंड शासन पूरे विश्व में था उस समय कीकण: मनु के पुत्र प्रियव्रत के वंश में जन्मे एक राजा। वह राजा भरत के उन्नीस पुत्रों में से एक थे।
उन्ही राजा कीकण: के द्वारा कीकट प्रदेश की स्थापना की गई है ।
उन्ही राजा कीकण: के द्वारा कीकट प्रदेश की स्थापना की गई जो की आगे चलके मगध के नाम से स्थापित हुआ जिसका कुछ इस प्रकार उल्लेख मिलता है ।
“चरणाद्रिं समारभ्य गृध्रकूटा-न्तकं शिवे!। तावत् कीकटदेशःस्यात् तदन्तर्मगधोभवेत्शक्तिसङ्कमीक्ते ।।
अर्थार्थ - “चरण पर्वत से लेकर गिद्ध शिखर के अंत तक, हे शिव! अब तक कीकट का देश होगा और उसके भीतर शक्ति का संगम मगध होगा ।
22 अक्टूबर 1764 में जमींदारों के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी और मुगल-नवाबों के बीच कर्मनाशा नदी के पास बक्सर में युद्ध हुआ था।
जमींदारों की मदद से ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत हुई। बंगाल (आधुनिक बांग्लादेश भी शामिल) और बिहार (झारखंड और उड़ीसा) पूरी तरह अंग्रेजों के कब्जे में आ गया।
दोनों को मिलाकर ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल प्रेसीडेंसी की स्थापना की।
बाद में 22 मार्च 1912 को बंगाल से बिहार को अलग कर दिया। बिहार नाम से नए राज्य का गठन किया गया। इसकी राजधानी पटना बना।
Bihar-Darshan is a blog dedicated to showcasing the rich heritage, culture, and untold stories of Bihar. Join us on a journey through time and rediscover the true essence of this magnificent state, Mahajanapada & the creator of Nation .
बिहार-दर्शन एक ब्लॉग है जो बिहार की समृद्ध विरासत, संस्कृति और अनकही कहानियों को प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है। समय की यात्रा पर हमारे साथ जुड़ें और इस शानदार राज्य, महाजपद एवं भारत राष्ट्र निर्माता के वास्तविक सार को फिर से खोजें।